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Saturday 11 June 2016

वन रैंक वनपेंशन (OROP)

वन रैंक वन पेंशन
(OROP):

5 सितम्बर (5/9/2015) के दिन वन रैंक वन
पेंशन (OROP) पर सरकार ने दिया
एतिहासिक फैसला | 40 वर्षो के बाद
इस पर किसी सरकार से फैसला लिया हैं |
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने प्रेस
कांफ्रेंस करके सारी शर्ते सामने रखी |
उन्हें साफ़ शब्दों में कहा कि पूर्व सरकार
के पास वन रैंक वन पेंशन को लेकर कोई
मजबूत रोड मेप नहीं था | इस पुरे OROP में
सरकार का एस्टीमेट 10 हजार करोड़ का
होगा जो बढ़ता रहेगा | जिससे सरकार
पर काफी बदलाव आयेंगे लेकिन यह एक
अहम् मुद्दा हैं जिस पर फैसला सुनाना
अनिवार्य था |
रक्षा मंत्री मनोहर परिकर ने बीजेपी
अध्यक्ष अमीत शाह से मीटिंग करने के
बाद प्रेस कांफ्रेंस में सरकार की तरफ से
अपनी बात रखी जिसमे उन्होंने कहा :
सरकार ने वन रैंक वन पेंशन को लागु
करने का फैसला ले लिया हैं |
यह पेंशन जुलाई 2014 से लागु की
जायेगी |एरियर 4 किश्तों में देने
का ऐलान किया गया हैं |
पेंशन रिविसन की अवधि सरकार
द्वारा 5 वर्ष रखी गई हैं |
VRS अर्थात पूर्व रिटायरमेंट लेने
वाले सैनिक को वन रैंक वन पेंशन के
तहत लाभ नहीं मिलेगा |
VRS के मुद्दे को लेकर सरकार
अभी भी विचार में हैं इसलिए
इसके लिए एक कमेटी बनाई
जायेगी जो छह महीने में फैसला
सुनाएगी |
सैनिको की विधवाओ को एक
मुश्त पैसा दिया जायेगा |
रक्षा मंत्री की कांफ्रेंस के बाद पूर्व
जनरल सतबीर सिंह ने अपनी बात कही |
उन्होंने 40 वर्षो से अटके इस मामले पर
सरकार की सकारात्मक भूमिका की
प्रशंसा की लेकिन वे अभी सरकार के फैसले
से संतुष्ट नहीं हैं | उनका कहना हैं अभी
सरकार ने orop के तहत 6 बड़े मुद्दों में से एक
पर ही हामी भरी हैं ऐसे में वे इस फैसले का
सम्मान नहीं कर सकते |
सतबीर सिंह ने स्पष्ट किया कि VRS के
अंतर्गत आने वाले सैनिकों की संख्या
लगभग 40 % हैं | ऐसे में उन्हें इस पेंशन की
सुविधायें ना देना उन्हें मान्य नहीं हैं |छह
महीने के लिए बनाई जाने वाली कमेटी
में डिफेंस के दो पूर्व सैनिक को शामिल
किया जाये ऐसा सतबीर सिंह ने कहा हैं
|प्रति पाँच वर्षों में किया जाने वाला
रिव्यु भी उन्हें मान्य नहीं हैं |
अनशन पर बैठे सैनिको के विषय में सतबीर ने
अभी स्पष्ट नहीं किया हैं |
इस तरह सरकार एवं पूर्व सैनिको के मध्य
तकरार अभी भी जारी हैं |
बस ख़ुशी की बात यह हैं कि 40 वर्षों बाद One Rank One Pension लागू की गई हैं |


जाने अब तक का OROP का सफ़र :
सैन्य कर्मियों के लिए लाई जाने वाली
पेंशन योजना हैं जिसके अभी तक मन
मुताबिक परिणाम ना मिलने पर आज
सैन्य दलों ने 30 दिन के आन्दोलन का
निर्णय लिया हैं जिसमे उनके साथ
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे
भी खड़े दिखाई देंगे |जिसके लिए पूर्व सैन्य
अधिकारी Ex-Servicemen (UFESM)
ने सरकार को नोटिस भी दिया हैं | यह
आन्दोलन एक रैली के रूप में 640 जिले में
निकाली जाएगी जिसमे बहुत शांति
एवम समझदारी से काम लिया जायेगा
ऐसा कहना हैं वरिष्ठ अधिकारियों का
| सरकार को One Rank One Pension
scheme के लिए तैयार करने के लिए पूरा
सैन्य विभाग एक साथ पटना बिहार से
आपना आन्दोलन शुरू करेंगे जो कि राष्ट्र
स्तर पर होगा |
समान रैंक समान पेन्शन
योजना
समान रैंक समान पेन्शन योजना क्या हैं?
रिटायर्ड सैन्य कर्मियों के लिए
सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से समान रैंक
समान पेन्शन स्कीम लागू की गयी । 25
सितम्बर 2012 मे नवभारत टाइम्स के
अनुसार मंत्री मंडल ने रिटायर्ड सैन्य
कर्मियों के लिए समान रैंक, समान पेन्शन
योजना  लागू करने को मंजूरी दी थी
परंतु इसे लागू नही किया गया इस
योजना को लागू करने को लेकर देश के
प्रधान मंत्री से सैन्य कर्मियों को
काफी उम्मीद है । इसके लिए शुरवात मे
ही 2300 करोड़ रूपय के अतिरिक्त पेन्शन
की घोषणा की गयी थी । उस वक़्त तक
करीब 21 लाख सैन्य कर्मियों को इसका
लाभ मिलने की उम्मीद थी ।
वन रैंक वन पेंशन  योजना  के अंतर्गत दी
जाने वाली सुविधा
Benefits In OROP
समान रैंक समान पेन्शन योजना को लागू
करवाने के लिए मिलिट्री कर्मियों को
काफी मशक्कत करनी पड़ी । इसके लिए
कई रिटायर्ड सैन्य कर्मियों ने अपने मेडल
लौटाए तथा कई मोर्चे किए तथा
रेलिया निकली ठीक उसकी वक्त
सरकार ने एक फैसला लिया और कहा कि
इस समान पेन्शन योजना  के
अनुसार सैन्य कर्मियों के मध्य
पेन्शन की असमानता को खत्म कर दिया जाएगा।
समान रैंक समान पेन्शन योजनाके तहत सेना मे पेन्शन के लिए सिपाही स्तर , नायक स्तर तथा
हवलदार स्तर पर जनवरी 2006 से2 साल पहले या फिर 2 साल बाद रिटायर हुये लोगो को इसका पात्र बनाया गया।  तथा 2006 से पहले या बाद मे रिटायर हुये अधिकारियों की जगह परिवर्तन कर इन्हे अधिक फायदा पहुचाया गया जैसे  कमीशन ऑफिसर को न्यूनतम पे- बैड की जगह न्यूनतम पेन्शन मे
डाला गया तथा कमिश्नर, जूनियर कमिश्नर तथा
अधिकारियों फोजियों को न्यूनतम पे-बैड की जगह न्यूनतम फिटमेंट मे डाला गया तथा इन्हे
अधिक लाभ दिया गया।इस समान रैंक समान पेन्शन
योजना मे यह फैसला भी लिया गया की अगर किसीअधिकारी की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिजन को 30 प्रतिशत की जगह 60 प्रतिशत पेन्शन दी जाएगी। इस समान रैंक समान पेन्शन योजना के अनुसार जो लोग सिविल सर्विसेस मे है वे भी इस
योजना का लाभ लेते हुये दोनों
और से पेन्शन ले सकते है। इस योजना के तहत अगर किसी सैन्य कर्मचारी की संतान मानसिक रूप से कमजोर है तो वह शादी के बाद भी इस योजना
का लाभ उठाते हुये पेन्शन ले सकते है।
इन सब बातो के तय हो जाने के बावजूद
अब इंतजार है तो बस इस योजना के लागू
होने का। हालाकी इस बार बजट मे
वित्त मंत्री द्वारा ने 1000 करोड़ रुपय
प्रदान किए परंतु इसके बावजूद भी इस
समान रैंक समान पेन्शन योजना को बजट
मे कोई जगह नही मिली । इन सबके चलते
संसद मे मौजूद स्थाई समिति ने इसके लिए
निराशा जताई। परंतु सेना प्रमुख दलबीर
सिह ने सान 2014 मे यह कहा था कि
समान रैंक समान पेन्शन योजना योजना
को अप्रैल के अंत तक मंजूरी मिलने की
उम्मीद है । उनके द्वारा यह जानकारी
दी गयी की यह फ़ाइल अभी रक्षा
मंत्रालय के वित्त विभाग मे है तथा
यहा से मंजूरी मिलने के बाद यह फ़ाइल
वित्त मंत्रालय भेजी जाएगी । परंतु इस
बार भी उनके हाथो निराशा ही लगी।
Protest For OROP
अब भी समान रैंक समान पेन्शन योजना के
लागू ना हो पाने के कारण पूर्व सैनिको
ने फिर से अपना गुस्सा दिखाना शुरू कर
दिया है हाल ही मे पूर्व सैनिक
अधिकारियों ने रक्षा मंत्री मनोहर
परिंकर से सम्मान लेने से इंकार कर दिया ।
नौसैना के 71 वार वेटर्न कमांडर सुरेश
दामोदर कार्णिक ने रक्षा मंत्री से
सम्मान लेने से इंकार किया । उन्होने
सरकार के बेपरवाह रवैये के कारण यह
निर्णय लिया है । सरकार के 25 लाख
सैनिको को मोदी सरकार से काफी
उम्मीदे थी परन्तु मोदी सरकार ने एक
साल पूरा होने पर भी इन्हे निराश ही
किया । परंतु रक्षा मंत्री अब भी कह रहे
है कि फैसला हो चुका है बस देर है तो
समान रैंक समान पेन्शन योजना लागू होने
की ।
08 नवम्बर 2015 को सरकार ने OROP
योजना अधिसूचित कर दी है| इस
अधिसूचना मैं सभी धारायें मुख्यतये वही
हैं जो 05 सितम्बर 2015 बस एक परिवर्तन
है| अब जिन सैनिकों ने स्वेच्छा से पहले
रिटायरमेंट लिया था उसको भी इस
योजना का लाभ मिलेगा परन्तु जो
सैनिक इसके लगो होने के बाद रिटायरमेंट
लेंगे उसको नहीं मिल पायेगा इसका
लाभ| बाकी सभी बिंदु ऊपर लिखे है|
परन्तु अभी भी सैनिक इन सभी धाराओं
पर सहमत नहीं है और वे इसका विरोध कर
रही है|वन रैंक वन पेंशन  योजना यह देश
का अहम् मुद्दा हैं जिस पर आप भी अपनी
राय पैश करे|
भारत सरकार ने दिवाली पर OROP का
नोटिफिकेशन दिया है.
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