प्रधान मंत्री ग्रामीण आवास योजना
श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार की एक
बहुत ही महत्त्वाकांक्षी योजना है।
प्रधान मंत्री ग्रामीण आवास योजना
को भारत सरकार 23 मार्च को हुई
कैबिनेट मीटिंग में मंजूरी दे चुकी है। यह
योजना भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में
“2022 तक सभी को आवास” के मिशन को
पूरा करेगी।
प्रधान मंत्री ग्रामीण आवास योजना
दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़कर भारत के
सभी ग्रामीण क्षेत्रों में लागू की
जायेगी।
दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़कर भारत के
सभी ग्रामीण क्षेत्रों में लागू की
जायेगी।
इस नयी आवास योजना के कुछ मुख्य बिंदु
इस प्रकार हैं।
इस प्रकार हैं।
भारत सरकार इस योजना के अंतर्गत
अगले तीन साल में कुल 1 करोड़ पक्के माकन बनाएगी।
कुल लक्ष्य 3 करोड़ घर बनाने का रखा
गया है जिसे 2022 तक पूरा किया
जाना है। अगले तीन साल के लिए भारत सरकार ने
81,975 करोड़ रूपए का बजट तय किया
है जो की योजना को 2016-17 से
लेकर 2018-19 तक लागू करने में काम आएगा।
घर के निर्माण में आने वाली लागत को
60:40 के अनुपात में केंद्र और राज्य
सरकार के बीच बांटा जाएगा. उत्तर
– पूर्वी व पहाड़ी क्षेत्रों में इसे 90:10
के अनुपात में बांटा जाएगा।
योजना के अंतर्गत लाभार्थी का
चुनाव 2011 जनगणना के डेटा के अनुसार
किया जाएगा जिसमें राज्य
सरकारों की भी मदद ली जायेगी।
भारत सरकार योजना के अंतर्गत सभी
लाभार्थियों को घर बनाने के लिए
1.20 लाख और पहाड़ी जगहों पर 1.30
लाख की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
घर के क्षेत्रफल को 20 से 25 वर्ग मीटर
कर दिया जाएगा जिसमें की स्वच्छ
खाना पकाने के लिए अलग से स्थान भी शामिल होगा। वित्तीय सहायता की रकम सीधा लाभार्थी के बैंक बचत खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। योजना के अंतर्गत कोई भी लाभार्थी 70000 रुपये तक का लोन ले सकता है, हालाँकि ये वैकल्पिक है।
प्रधान मंत्री ग्रामीण आवास योजना
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार को भी
बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगी।
योजना के लागू होने से ग्रामीण क्षेत्रों
में निर्माण उद्योग में भारी संख्या में
रोजगार पैदा होने की उम्मीद है।
नरेंद्र मोदी सरकार पहले ही शहरी क्षेत्रों
के लिए आवास योजना चला रही है
जिसके अंतर्गत अब तक लगभग 5 लाख घरों के
निर्माण को मंजूरी दे चुकी है। प्रधान
मंत्री आवास योजना – शहरी के अंतर्गत
साल 2022 तक करीब 5 करोड़ घर बनाने
का लक्ष्य रख गया है।
अगले तीन साल में कुल 1 करोड़ पक्के माकन बनाएगी।
कुल लक्ष्य 3 करोड़ घर बनाने का रखा
गया है जिसे 2022 तक पूरा किया
जाना है। अगले तीन साल के लिए भारत सरकार ने
81,975 करोड़ रूपए का बजट तय किया
है जो की योजना को 2016-17 से
लेकर 2018-19 तक लागू करने में काम आएगा।
घर के निर्माण में आने वाली लागत को
60:40 के अनुपात में केंद्र और राज्य
सरकार के बीच बांटा जाएगा. उत्तर
– पूर्वी व पहाड़ी क्षेत्रों में इसे 90:10
के अनुपात में बांटा जाएगा।
योजना के अंतर्गत लाभार्थी का
चुनाव 2011 जनगणना के डेटा के अनुसार
किया जाएगा जिसमें राज्य
सरकारों की भी मदद ली जायेगी।
भारत सरकार योजना के अंतर्गत सभी
लाभार्थियों को घर बनाने के लिए
1.20 लाख और पहाड़ी जगहों पर 1.30
लाख की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
घर के क्षेत्रफल को 20 से 25 वर्ग मीटर
कर दिया जाएगा जिसमें की स्वच्छ
खाना पकाने के लिए अलग से स्थान भी शामिल होगा। वित्तीय सहायता की रकम सीधा लाभार्थी के बैंक बचत खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। योजना के अंतर्गत कोई भी लाभार्थी 70000 रुपये तक का लोन ले सकता है, हालाँकि ये वैकल्पिक है।
प्रधान मंत्री ग्रामीण आवास योजना
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार को भी
बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगी।
योजना के लागू होने से ग्रामीण क्षेत्रों
में निर्माण उद्योग में भारी संख्या में
रोजगार पैदा होने की उम्मीद है।
नरेंद्र मोदी सरकार पहले ही शहरी क्षेत्रों
के लिए आवास योजना चला रही है
जिसके अंतर्गत अब तक लगभग 5 लाख घरों के
निर्माण को मंजूरी दे चुकी है। प्रधान
मंत्री आवास योजना – शहरी के अंतर्गत
साल 2022 तक करीब 5 करोड़ घर बनाने
का लक्ष्य रख गया है।
योजना के बारे में अन्य जानकारी जैसे
कि आवेदन पत्र, पात्रता, कैसे आवेदन करें
इत्यादि योजना के आधिकारिक तौर
पर प्रारम्भ होने के बाद ही उपलब्ध होगी।
कि आवेदन पत्र, पात्रता, कैसे आवेदन करें
इत्यादि योजना के आधिकारिक तौर
पर प्रारम्भ होने के बाद ही उपलब्ध होगी।
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